वर्ना है निश्चित लम्बी रात पकड़ के रखना भाई हाथ देखो आया झंझावात। वर्ना है निश्चित लम्बी रात पकड़ के रखना भाई हाथ देखो आया झंझावात।
आओ महीनो आओ घर आओ महीनो आओ घर
प्रियतमा के नाम एक पत्र...... प्रियतमा के नाम एक पत्र......
लौट आओ लौट आओ
आज संचार माध्यमों की क्रांति की वजह से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के बहुत से साधन हैं पर कुछ वर्ष प... आज संचार माध्यमों की क्रांति की वजह से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के बहुत से सा...
आओ अपनी जिम्मेदारियां निभायें जटिल को सरल बनायें, और सरल को जटिल होने से बचायें। आओ आओ अपनी जिम्मेदारियां निभायें जटिल को सरल बनायें, और सरल को जटिल होने से ब...